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अर्थार्थ : LNG सौदे को ‘उपलब्धि’ बताकर 7.5 अरब डॉलर की ठगी को कैसे छुपाया गया
नरेंद्र मोदी के अमरीका पहुंचने के साथ ही 7.5 अरब डॉलर के एलएनजी डील की खबर आने लगी। टेल्यूरियन इंक ने कहा कि लुइसियाना में प्रस्तावित उसके तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) टर्मिनल में हिस्सेदारी खरीदने के लिए भारत के पेट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड से 7.5 अरब डॉलर (53 हज़ार करोड रुपए) के समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जो संभवतः अमेरिका में शेल गैस के निर्यात के लिए किया गया सबसे बड़ा विदेशी निवेश हो सकता है।
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अर्थार्थ : नकारात्मक ब्याज दरें और गिरते डॉलर पर बढ़ती भारत की निर्भरता
आरबीआइ की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी विदेशी मुद्रा का स्तर बढ़ाने पर विचार कर रही है। यह बात किसी से छुपी नहीं है कि आरबीआइ की स्वायत्तता खतम हो चली है। आरबीआइ के गवर्नर की पात्रता और कार्यशैली से लेकर भ्रामक भाषा के प्रयोग तक तमाम सवाल उठाये जा चुके हैं। सरकार अपने एकाधिकार का प्रयोग कर के देश की सम्पत्ति से जितना निचोड़ने में सक्षम थी, निचोड़ चुकी है पर आगे लिए जाने वाले कदम भ्रष्टाचार या सिंडिकेटेड लूट नहीं बल्कि बरबादी का कारण बनेंगे!