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कोरोना के दंश से बढ़ती असमानता
पिछले हफ्ते दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों ने कोरोना वायरस की महामारी से निपटने के लिए बड़े पैमाने पर पैसा छापना शुरू कर दिया है। कोरोना वायरस के प्रकोप और संबद्ध आर्थिक बंदी के कारण सरकारों और अवाम के कुल खर्च में भारी कमी आयी है। चूंकि एक व्यक्ति का खर्च दूसरे व्यक्ति की आय होती है, इस वजह से आय में भारी समाजव्यापी कमी आयी है। बुरी तरह से हताश लोगों को बचाने के लिए सरकारों ने सरकारी खजाने से सीधे इस आय की पूर्ति करने की पेशकश की है। सरकारें बॉन्ड जारी कर के यह पैसा निवेशकों से उधार लेंगी। निवेशक, अपने पास मौजूद सरकारी बॉन्डों को वापस…