• Privacy Policy
  • Disclaimer
Surya Kant Singh

Earth | Meaning | Economy

  • Home
  • Economy
  • Essays
  • Democracy
  • Religion
  • Philosophy
  • Judiciary
  • Music
  • Bashir’s Corner
  • Home
  • Economy
  • Essays
  • Democracy
  • Religion
  • Philosophy
  • Judiciary
  • Music
  • Bashir’s Corner
  • Democracy,  Essays

    Was the reorganisation of J&K a precursor to something bigger?

    April 19, 2020 / 0 Comments

    “When deals of weapons become profit-oriented, they foster conflicts simply to justify and continue that profit-making through weapons and war.”

    read more
    Surya Kant Singh

    You May Also Like

    नफरत की राजनीति जनता के लिए आकर्षक क्यों है?

    April 26, 2020

    Slavoj Zizek: अमेरिकी विरोध में ट्रम्प की नीतियों के शिकार खुद अपराध मिटाने में अपराधियों की मदद कर रहे हैं

    June 4, 2020

    कोरोना के बाद बनने वाली ‘नयी वैश्विक व्यवस्था’ के पांच एजेंडे

    May 5, 2020
  • Economy

    अर्थार्थ : रियल एस्‍टेट के ‘सरकारी’ बुलबुले में कैसे फंस गया घर का सपना

    September 19, 2019 / 0 Comments

    अनुकूल जन-सांख्यिकी, आवास की भारी कमी, आसान कर्ज और अर्थव्यवस्था में काले धन के वेग ने रियल एस्टेट को भारत में डेढ़ दशक तक निवेश का सबसे पसंदीदा क्षेत्र बनाए रखा। इसमें भी लगभग एक दशक हाउसिंग सेक्‍टर के लिए “बुल रन” का दौर था जिसके परिणामस्वरूप रियल एस्टेट हमारे समाज में सबसे विश्वसनीय निवेश के रूप में स्थापित हुआ।

    read more
    Surya Kant Singh

    You May Also Like

    अर्थार्थ: पानी एक हिस्‍से में घुसा था, बैंकों का विलय अब पूरे जहाज़ को ले डूबेगा!

    September 5, 2019

    अर्थार्थ : मंदी तो दो साल से है, सरकार ने छुपाये रखा था!

    August 23, 2019

    कोरोना के दंश से बढ़ती असमानता

    April 19, 2020
  • Essays,  Religion

    अर्थार्थ : डांसिंग… प्लेइंग… लिंचिंग?

    July 4, 2019 / 0 Comments

    हमारी संस्कृति का ताना-बाना पूरी तरह धर्म के इर्द-गिर्द बुना हुआ है। कई मायनों में यह जुड़ाव इस हद तक है कि धर्म और संस्कृति का भेद न के बराबर है। देश की सेना दिवंगत जवानों को श्रद्धांजलि दिये बिना युद्ध के मैदान में नहीं उतरती, वैज्ञानिक पद्धतियों से बनी फैक्टरी बिना परमात्मा को याद किये शुरू नहीं की जाती और इसी देश में व्यक्ति का धर्म पूछ कर उसे लिंच कर दिया जाता है! दी गई तीनों घटनाएं हिंदू धर्म के अंगों का सटीक उदाहरण हैं। दिवंगत जवानों को श्रद्धांजलि देना- आध्यात्म का; नए काम को शुरू करने से पूर्व परमात्मा को याद करना- संस्कृति का और व्यक्ति का…

    read more
    Surya Kant Singh

    You May Also Like

    The Prime Causality behind the ‘Unjust’ in Society

    April 30, 2020

    नफरत की राजनीति जनता के लिए आकर्षक क्यों है?

    April 26, 2020

    युवक!

    April 17, 2020

Bashir’s Corner

Recent Posts

  • Slavoj Zizek: अमेरिकी विरोध में ट्रम्प की नीतियों के शिकार खुद अपराध मिटाने में अपराधियों की मदद कर रहे हैं
  • अंतर्राष्ट्रीयवाद का संघर्ष
  • कलियुग से दुखी जनता को सतयुग और त्रेता में वापस खींच ले जाने के सरकारी नुस्खे
  • अरुंधति रॉय: हमारा कार्य इस इंजन को बंद करना है
  • कोरोना के बाद बनने वाली ‘नयी वैश्विक व्यवस्था’ के पांच एजेंडे

Tags

23-march Arthaarth Artharth Banking Bankruptcy Bhagat Singh BJP Congress Conspiracy Corona Corona Pandemic Covid-19 Crisis Debt Democracy Economy Federal Reserve Foreign Debt Freedom GDP Government of India hindutva Housing Bubble Independence India Inflation Liberty Mind Control modi NPA Oil and Gas Psychoanalysis RBI Recession Reserve Bank of India Revolution Shaheed-E-Azam US World Youth अर्थार्थ इंकलाब क्रांति भगत सिंह शहीद-ए-आजम

Archives

  • June 2020 (1)
  • May 2020 (5)
  • April 2020 (7)
  • March 2020 (4)
  • October 2019 (2)
  • September 2019 (4)
  • August 2019 (6)
  • July 2019 (3)
  • June 2019 (2)
  • April 2019 (1)
2021 Surya Kant Singh ©.
Ashe Theme by WP Royal.