
Slavoj Zizek: ट्रम्प की नीतियों के शिकार खुद अपराध मिटाने में ट्रम्प की मदद कर रहे हैं
चाहे वह कोविड-19 लॉकडाउन के विरुद्ध हों या पुलिसिया क्रूरता के, विरोध प्रदर्शन ने अमरीकी अवाम को “पैसे या जीवन” में से एक के चुनाव पर ला छोड़ा है, जहां अवाम को पैसों का चुनाव हीं करना है। यहाँ गरीब हीं शिकार हैं जो अपने विरुद्ध हुए गुनाहों को ढक रहे हैं।
हमारी दुनिया धीरे-धीरे पागलपन में डूब रही है: एकता के साथ कोविड-19 के सामना करने के बजाय न केवल कृषि आपदाओं का प्रसार हो रहा है – टिड्डियों का पूर्वी अफ्रीका से पाकिस्तान तक के इलाकों में हमला, जिनसे व्यापक तौर पर् भुखमरी की संभावनाएं उपज रहीं हैं, बल्कि राजनीतिक हिंसा भी फूट पड़ी है जिसे मीडिया में कोई स्थान नहीं मिल रहा। चीन और भारत की सीमा पर उपजे तनाव, जिसमें कई घायल हुए, के बारे में हमें कितना पढ़ने को मिला?
इस हताश दौर में समय-समय पर हमें लोगों को पुराने दौर के फार्मूला आधारित, जैसे ब्रिटिश-फ्रेंच क्राइम सीरीज “देथ इन पैरडाइस” देखने के लिए माफ कर देना चाहिए।
खैर, अंत के किसी एपिसोड में, कातिल हाई स्कूल में उसके द्वारा झेली गई पीड़ा और अपमान से प्रेरणा पा रहा होता है। पीड़ित जो की मरणासन्न है, उसे एहसास होता है की उसने कातिल को कितनी पीड़ा पहुंचाई थी और मृत्यु के क्षण से पहले अपनी अंतिम शक्ति लगा कर हत्या के साक्ष्य मिटा देता है जिससे यह लगे की हत्या कातिल ने नहीं बल्कि किसी तीसरे व्यक्ति ने की है, ताकि कातिल बच जाए।
ऐसे इशारे में कुछ नेक है, एक प्रामाणिक मोचन का निशाँ है। लेकिन विचारधारा इस नेक कृत्य में भी विकृति ढूंढ हीं लेती है; वो पीड़ित को, न की हत्यारे को, खुद गुनाह के सबूत मिटाने पर विवश करती है, खुद उसी की इच्छा से। क्या यह उससे मिलता जुलता नहीं है जो अमरीका में घटित हो रहा है, जहां हजारों की संख्या में अवाम खुद लॉकडाउन हटाने को कह रही है?
‘पैसा या जीवन’ एक स्वतंत्र विकल्प नहीं है।
जल्दी से सामान्य अवस्था में लौटने, जिसकी पैरोकारी ट्रम्प और उनके शासन ने की है, से ज्यादा लोगों को इन्फेक्शन का खतरा नहीं पैदा होगा? लेकिन फिर भी वे इसकी मांग कर रहे हैं, अपनी इस मांग से ट्रम्प (और पूंजीवाद) के गुनाह का सुराग मिटाते हुए?
19वीं सदी के उतारार्द्ध में, वेल्स के कई खनिकों ने हेलमेट और अन्य महंगे सुरक्षा उपकरणों को खारिज कर दिया था, जबकि उनके इस्तेमाल से घातक दुर्घटनाओं की संभावना बहुत कम हो जाती थी, क्योंकि उन उपकरणों का खर्च उनकी तनख्वाह से काट लिया जाता था।
आज हम वही हताश गणना करते हुए पीछे लौटने लगे हैं, जो उसी पुराने “पैसे या जीवन” का एक उल्टा संस्करण है (जहां आप, बेशक, जीवन चुनेंगे, भले हीं वह दुख भरा क्यों न हो)। अगर आप अभी पैसे के बदले जीवन चुनते हैं तो आपके पास जीवनयापन के लिए कुछ न होगा, आप नहीं बचेंगे, आपको काम पर लौटना होगा, जीने के लिए, पैसे कमाने के लिए, लेकिन उससे जो जीवन आपको मिलेगा वह संक्रमण और मौत के खतरे से भर हुआ होगा। ट्रम्प श्रमिकों की हत्या के दोषी नहीं हैं, उन्होंने एक स्वतंत्र विकल्प बनाया, लेकिन ट्रम्प उन्हें ‘स्वतंत्र’ विकल्प की पेशकश करने के दोषी हैं, जिसमें जीवित रहने का एकमात्र तरीका मौत का जोखिम है, और वह उन्हें ऐसी स्थिति में डालकर उन्हें और अपमानित कर रहे हैं जिससे उन्हें अपने कार्यस्थल पर मरने के अपने ‘अधिकार’ के लिए प्रदर्शन करना पड़े।
मिनियापोलिस में जॉर्ज फ्लोयड की मौत से शुरू क्रोध को लॉकडाउन के खिलाफ इन विरोध प्रदर्शनों के विपरीत खड़ा करना चाहिए । हालांकि पुलिस हिंसा का विरोध कर रहे हजारों लोगों के क्रोध का महामारी के साथ सीधे तौर पर कोई संबंध नहीं है लेकिन उनकी पृष्ठभूमि से कोविड-19 के मौत के आंकडों पर् स्पष्ट सबक मिलता है: काले और हिस्पैनिक लोगों को सफेद अमेरिकियों की तुलना में वायरस के कारण मरने का ज्यादा खतरा है। यह प्रकोप अमेरिका में वर्ग मतभेदों के बहुत भौतिक परिणाम बाहर लाया है: यह सिर्फ धन और गरीबी का सवाल नहीं है, यह दोनों हीं स्थितियों में सचमुच जीवन और मृत्यु की बात है, फिर चाहे वह पुलिस से निपटना हो या कोरोनावायरस महामारी से।
और इस तरह ये हमें “डेथ इन पैरडाइस” के हमारे शुरुआती बिंदु पर वापस लाता है, पीड़ित का महान कृत्य – अपराधी के सभी साक्ष्य मिटा देना – एक कृत्य है जो उचित नहीं था लेकिन निराशा से भरे एक निर्णय के रूप में समझ में आता है। हां, काले प्रदर्शनकारी अक्सर हिंसक होते हैं, लेकिन हमें उनकी हिंसा पर थोड़ी सी नरमी दिखानी चाहिए जैसा कि पीड़ित “डेथ इन पैरडाइस” प्रकरण में अपने हत्यारे की ओर करता है।
Date Written: 30-05-2020 Author: Slavoj Zizek Translation: Surya Kant Singh Title: Slavoj Zizek: In American protests, victims of Trump’s policies help the criminal erase the crime First Published: RT

