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फिलिपिन्स के तूमनदोक समुदाय का संघर्ष और उनकी आकांक्षायें
लगातार बढ़ते उत्पीड़न और आतंक का सामना करते हुए फिलीपींस का तूमनदोक जन समुदाय उन तमाम विकास परियोजनाओं का प्रतिरोध-विरोध कर है जो न केवल उनके आजीविका साधनों-संसाधनों को नष्ट कर रहा है, बल्कि समूची जीवन शैली को भी ।
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कोलकाता का यह संग्रहालय कला की चिकित्सीय शक्ति को दर्शाता है
बंगाल का एक संग्रहालय, विभाजन के ऐतिहासिक आघात का सामना करने में कैसे मदद कर सकता है? भारत और पाकिस्तान में आज की नाराज़गियां और तनाव 1947 से अब तक के फैले हुए, लंबे और अपीरिक्षित इतिहास से पैदा हुई हैं। यह संग्रहालय अपने आगंतुकों को अपनी साझा विरासत को फिर से खोजने के लिए आमंत्रित करके, सांप्रदायिक-राष्ट्रवादी बयानबाज़ी के परे जाकर, अतीत की सच्चाई का सामना करने में मदद कर सकता है।
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हम अमेज़ॅन जैसी समस्या का समाधान कैसे करें?
रमिकों के ऊपर अमेज़ॅन का अधिकार केवल सामाजिक और आर्थिक नहीं है। कंपनी की उत्पादक प्रक्रियाओं की तकनीकी शक्ति से थके हुए श्रमिक “रोबोट की तरह” महसूस करते हैं । हमें श्रमिकों, लोगों और ग्रह पर अमेज़ॅन की पकड़ को ढीला कर, अमेज़ॅन से भुगतान करवाने के लिए, नई रणनीतियों को खोजना होगा।
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पेरू: सड़कें जागृत हो रही हैं
आर्थिक विकास के प्रसिद्ध "पेरू चमत्कार" के एक दशक से अधिक बीत जाने के बाद, देश इस साल लैटिन अमेरिका में सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। गरीबी, असमानता और अनौपचारिकता के उच्च स्तर ने पेरू के आर्थिक मॉडल की विफलताओं को उजागर कर दिया है। एक अभूतपूर्व आर्थिक और स्वास्थ्य संकट के बीच, शक्ति-रिक्त पेरू के राजनीतिक संस्थानों ने पेरू के लोगों के शक्तिशाली जुटान के लिए स्थितियों को सुगम बनाया है।
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अमेरिकी चुनाव ने एक बात साफ कर दी है: डोनाल्ड ट्रम्प का फासीवाद कोई भूल नहीं है
ट्रम्प भले ही राष्ट्रपति पद गंवा चुके हों, लेकिन उनका फासीवादी आंदोलन जारी है। हमें इसे हराना होगा। यहां हम जो कुछ भी कर रहे हैं, वह नवउदारवादी पूंजीवाद का कोई दुष्प्रभाव नहीं है। यह अपने आप में एक दुर्जेय सामाजिक-राजनीतिक ताकत है जिसे पराजित करने में एक पीढ़ी लग सकती है।
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Slavoj Zizek: ट्रम्प की नीतियों के शिकार खुद अपराध मिटाने में ट्रम्प की मदद कर रहे हैं
ट्रम्प श्रमिकों की हत्या के दोषी नहीं हैं, उन्होंने एक स्वतंत्र विकल्प बनाया, लेकिन ट्रम्प उन्हें ‘स्वतंत्र’ विकल्प की पेशकश करने के दोषी हैं, जिसमें जीवित रहने का एकमात्र तरीका मौत का जोखिम है, और वह उन्हें ऐसी स्थिति में डालकर उन्हें और अपमानित कर रहे हैं जिससे उन्हें अपने कार्यस्थल पर मरने के अपने ‘अधिकार’ के लिए प्रदर्शन करना पड़े।
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अंतर्राष्ट्रीयवाद का संघर्ष
पूंजीवाद के संकट की इस निर्णायक घड़ी में पी.आई. काउंसिल के सदस्य एर्टुगरुल कुरकू के विचार
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अरुंधति रॉय: हमारा कार्य इस इंजन को बंद करना है
वरिष्ठ लेखिका और पी-आई काउंसिल की सदस्य अरुंधति रॉय कोविड-19 और “सुपर-सर्वेलेन्स” राज्य पर।
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कोरोना के बाद बनने वाली ‘नयी वैश्विक व्यवस्था’ के पांच एजेंडे
कोरोना वायरस से उपजी महामारी पर बहस करते हुए अक्सर दो बातें सामने आती हैं। एक, इस त्रासदी को बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया जा रहा है। दूसरी, इसे रोकने के लिए सरकारें उतनी तत्पर नहीं दिख रही हैं। इन दोनों ही धारणाओं के पीछे एक सहज सवाल पैदा होता हैः क्या इस महामारी के पीछे कोई एजेंडा है? अगर है, तो क्या?
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मई दिवस पर मजदूर भाइयों के नाम खुला पत्र !
वातानुकूलित कमरे में बैठ कर मार्क्सवाद-लेनिनवाद पर बहस करने का अलग ही मज़ा है। क्या तुम्हें लेनिन के बारे में पता है? मुझे पता है। उनके संकलित कार्य 40 अंकों में प्रकाशित हुए हैं, एक का मूल्य 2,000 रुपए है। क्या कभी उनको, अपने भाग्यविधाता को पढ़ पाओगे? इसलिए अभागे हो तुम।